रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए तीन एक्सप्रेस ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाने का फैसला किया है। एलएचबी कोच पुराने कोच की बजाय ज्यादा आरामदायक व सुविधाजनक होंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि बीकानेर-बांद्रा साप्ताहिक एक्सप्रेस में बीकानेर से दो दिसंबर और बांद्रा से तीन दिसंबर, बीकानेर-कोलकाता साप्ताहिक एक्सप्रेस में बीकानेर से पांच दिसंबर और कोलकाता से छह दिसंबर तथा बीकानेर-पुरी साप्ताहिक एक्सप्रेस में बीकानेर से 15 दिसंबर और पुरी से 18 दिसंबर से एलएचबी कोच लगाए जाएंगे। कोच लगाने के बाद थर्ड एसी में यात्रियों को 72 और दि्वतीय शयनयान श्रेणी कोच में यात्रियों को 80 बर्थ उपलब्ध होगी।
एलएचबी कोच सुरक्षित और आरामदायक
एलएचबी कोच पुराने कन्वेंशन कोच से काफी हैं। ये उच्च स्तरीय तकनीक से लैस है। इन कोचों में बेहतर एक्जवार का उपयोग किया गया है। जिससे आवाज कम होती है। यानी अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन के चलने की आवाज बहुत धीमी आती है। ये कोच मिश्र इस्पात से बने होते हैं। जबकि इंटीरियर डिजाइन ऑनलाइन से की जाती है जिससे कि यह कोच पहले की तुलना में थोड़े हल्के होते हैं। इन कोच में डिस्क ब्रेक कम समय और कम दूरी में अच्छे तरीके से ब्रेक लगा देते हैं। एलएचबी कार्ट में सीबीसी कपलिंग लगाई जाती है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ट्रेन डिरेल भी होती है तो कपलिंग के टूटने की आशंका नहीं होती है, जबकि स्क्रू कपलिंग वाले कोचों के डिरेल होने से उसके टूटने का डर बना रहता है। कोच में लगे कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम की वजह से गाड़ी के स्टेशन पर रुकने पर यह ट्रेन के शौचालय के दरवाजों को बंद कर देंगे और खड़ी ट्रेन में यात्री ट्रैक्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।